श्रेष्ठ समाधान चमत्कारिक परिणाम
ख्वाब पूरा हुआ

श्री विजय नीमा सियागंज में चाय की दलाली का कार्य करते थे । इतना कमाते थे कि अपनी आजिविका आराम से चला रहे थे लेकिन इनके उपर दो छोटे भाइ एक बहन और माता - पिता की जिम्मेदारीयाँ भी थी । इस वज़ह से उन्हें हमेशा पैसो की कमी बनी रहती थी । वह हमेषा बड़ा आदमी बनने का ख्वाब रखते थे । लेकिन पारिवारीक जिम्मेदारीयों की वज़ह से वे सफल नहीं हो पा रहे थे । उनके एक रिश्तेदार जिनकी बेटी का विवाह भगवती कृपा से हमारे यहाँ से तय समय पर हुआ उनकी सलाह पर वह मेरे पास आये थे । श्री नीमा की पत्रिका का अवलोकन करने के पश्चात देखा कि उनको तो बहुत बड़ा बिजनेसमेन होना चाहिए । हमारे द्वारा बताए गए उपाय वह क्रमानुसार करते गए । छह माह पश्चात उनके एक मित्र द्वारा उनको प्रापर्टी की दलाली का आफर आया और वह प्रापर्टी का व्यवसाय करने लगे । 2008 में उन्होनें अपनी खुद की प्राइवेट कंपनी डाली जो इन्दौर के छप्पन दुकान सिथत है । इसके बाद उन्होनें फ्लेट बनाकर बेचने का कार्य किया । फिर धामनोद और खरगोन में कालोनियों का निर्माण किया उन्हें सफलता मिलती चली गर्इ । भगवती कृपा से आज वह इन्दौर के मशहुर बिल्डर है और उस मुकाम पर पहुँच चुके है , जहाँ वह पहुँचना चाहते थे ।

और जन्मपत्रिका गायब हो गर्इ

श्री गिरीश वैध और उनकी पत्नी रीना काफी समय से अपने परिवार वालों से परेशान थे । जिस मकान में वह रहते थे , वह पेतृक मकान था । परिवार वाले हमेशा रीना और उनके बच्चों को प्रताडित करते रहते थे , और किसी भी तरह से उन्हें घर से निकालना चाहते थे। गिरीश जी अपने काम की वज़ह से बाहर रहते थे । उनके परिवार वाले किसी तांत्रीक के सम्पर्क में थे । गिरीश अपनी पत्नी व बच्चों के लिए काफी चितिंत थे हर समय अनहोनी का डर लगा रहता था । हद तो उस वक्त हो गइ जब गिरीश और रीना की जन्म पत्रिका अलमारी में से गायब हो गइ या निकाल ली गइ । यह सब देख गिरीषजी अपनी पतिन व बच्चों के साथ खजराना सिथत एक फ्लेट में किराये से रहने लगें । किसी मित्र के बताने पर उन्होनें हमसे सम्पर्क किया उन्हें हमने कुछ उपाय बताए और 2 माह का समय दिया कि आप अपने घर वापस जाओ कोर्इ तुम्हारा कुछ नहीं कर सकेगा । भगवती की कृपा से 1 माह 6 दिन बाद ही वह अपने घर वापस गये और रहने लगे । उनके परिवार वालों ने उन्हें प्रताडित करने की कोशिश की लेकिन उनका कुछ नहीं कर सकें क्योंकि उनके पास एक ढ़ाल जो थी । भगवती कृपा से गिरीश और रीना अपने बच्चों के साथ सुखपूर्वक रह रहे है ।

और वे कर्ज मुक्त हुए

उज्जैन निवासी श्री माहेश्वरी दंपत्ती हमारे पास आये। व्यवसाय में अपूर्ण घाटा उठाने से दोनो बहुत हताश हो गए थे । उन्होनें हमें बताया कि हम मृत्यु तुल्य कष्ट उठा रहे है । उनकी पत्रिका के अवलोकन से हमें ज्ञात हुआ कि इनका समय वास्तव में कठिनतम दौर से गुजर रहा है । हमने उनके लिए विशिष्ठ अनुष्ठान किए जिससे वह करोड़ो के कर्ज से मुक्त हुए एवं बंधक बंगले को छुड़ाने में भी सफल हुए ।

तनाव मुक्त हुर्इ छात्रा

सुश्री श्वेता सेंगर III YEAR की छात्रा हमारे पास आयी थी । उस समय वह बहुत डिप्रेशन में थी । हमने उन्हें श्वेत पुखराज और पन्ना धारण करने की सलाह दी एवं एक विशिष्ठ यंत्र अपने कक्ष मेंं रखने को कहा , कुछ दिनों पश्चात केम्पस सिलेक्शन में उनका चयन T.C.S. कम्पनी में हो गया और शिक्षा पूर्ण कर उन्हें हैदराबाद सिथत एक प्रतिषिठत कम्पनी में उन्हें मिल गइ और उनका विवाह एक योग्य जीवन साथी के साथ हो गया और वह सुखपूर्वक जीवन जीवनयापन कर रही है ।

आर्थिक समस्या समाप्त हुर्इ

श्री संजय पुरोहित हमारे पास श्री सोलपंखी जी के साथ आये उन्हें पारिवारीक और आर्थिक रूप से अनेक परेशानीयाँ थी । कष्ट उठाते उठाते वे नर्वस हो गए थे । उनकी जन्मकुण्डली देखने के पश्चात हमने उन्हें कुछ रत्न धारण करने की सलाह दी तथा पितृ पूजन (नागबली , नारायण बली) करवार्इ एवं विशिष्ठ यंत्र अपने पूजन कक्ष में रखने को कहा , कुछ समय पश्चात उनकी समस्याऐं समाप्त होने लगी और वे आर्थिक रूप से मजबुत होने लगे। भगवती कृपा से आज वह अनेक सम्पतितयों के मालीक बन प्रतिष्ठापूर्ण जीवन व्यतीत कर रहे है ।

भविष्यवाणी सच हुर्इ

श्री जगदीश आचार्य मौलाना निवासी की मुलाकात जब हमसे हुर्इ तब उनके दो बच्चे अभिषेक और गायत्री माध्यमिक स्तर की कक्षाओं में थे । उनकी परिसिथति अत्यन्त नाजुक थी । हमने उनके दोनों बच्चों की पत्रिका देखने के पष्चात बताया कि आपका बेटा इंजिनियर बनेगा तथा बेटी डाक्टर बनेगी । उनके लिए यह बात हास्यास्पद और आश्चर्यजनक थी , परन्तु कालान्तर पश्चात भगवती कृपा से यह बात सही साबित हुर्इ । उनकी बेटी नासिक में फिजियोथेरेपिस्ट है और बेटा एक अच्छी कंपनी में इंजिनियर के पद पर कार्यरत है । तथा आर्थिक सिथति सुद्रढ़ होकर सुखी जीवन यापन कर रहे हैं ।

और विवाह बाधा दूर हुर्इ

श्री राजैन्द्र और श्रीमती विभा अपनी बेटी के विवाह को लेकर बहुत चितिंत थे । उनकी बेटी पल्लवी सुंदर सुशील एवं उच्च शिक्षित थी । राजैन्द्र जी प्रतिषिठत परिवार से थे एवं समाज में उनका बहुत सम्मान था , कर्इ जगह से रिश्ते आते और कुछ न कुछ वजह से रिश्ता जुड़ नहीं पा रहा था । माता - पिता को परेशान देख पल्लवी बहुत टेंशन में आ गर्इ । उसे स्वंय में ही कमी नजर आने लगी और उसका आत्मबल कम होने लगा । राजैन्द्र जी के साले श्री मुकेश जी हमारे यहाँ आते रहते थे । उन्होनें राजैन्द्र जी को हमसे मिलने की सलाह दी । हमने पल्लवी की पत्रिका का अवलोकन कर उसे दो रत्न धारण करवाये और अचूक विवाह यंत्र स्थापित करवाया । हमने उन्हें 6 माह का समय दिया कि इस समय के दौरान आपकी बेटी का रिश्ता तय हो जाएगा । साढ़े चार माह पश्चात पल्लवी की सगाइ पुणे में सिथत एक साफ्टवेयर इंजीनियर से हो गर्इ , एवं तय समय पर पल्लवी की शादी भी हो गर्इ । आज पल्लवी पुणे में सेटल होकर सुखपूर्वक वैवाहीक जीवन व्यतीत कर रही है ।

मकान का सपना पूरा हुआ

श्री हेमन्त दवे ने एक फ्लेट का सौदा किया उन्होनें वह फ्लेट अपने परीचित से लिया था उस पर एक प्राइवेट बैंक का कुछ लोन बाकी था इसलिए उन्होनें एग्रीमेन्ट कर अपने परीचित को रूपए देकर एग्रीमेन्ट अपने पास रख लिया और बैंक की किश्त चुकाने लगे । 3 साल बाद जब उन्होनें बैंक का स्टेटमेन्ट देखा तो वह हैरान रह गए कि उनका लोन कम होने की बजाय और बढ़ गया पुछने पर पता चला की उनके परीचित ने लोन लेते समय जो एफ. डी. रखी थी वह हेमन्त जी को बताए बगैर सेटींग कर निकाल ली थी जिससे उन्हे ब्याज अधिक लगने लगा और लोन जहाँ खत्म हो जाना था वहाँ वह और बढ़ गया । उन्होनें जैसे तैसे पैसों की व्यवस्था कर लोन चुका दिया लेकीन बैंक उन्हें नोडयुज़ नहीं दे रही थी और इधर जब उनहोनें अपने परीचित को कहा की फ्लेट की रजिस्ट्री करवा दो तो वह आनाकानी करने लगा और कहने लगा की 50 हजार रूपये ऊपर लेकर फ्लेट मुझे वापस दे दो अपने परीचित की नियत में हेमन्त को खोट नज़र आया लेकीन एग्रीमेन्ट बेस पर वह कुछ कर पाने की सिथति में नहीं थे और बैंक भी उन्हें नोडयुज़ नहीं दे रही थी । वह बहुत हताश और निराश हो गए उन्हें अपना फ्लेट हाथ से जाता दिख रहा था वह हमें पहले से ही जानते थे इसलीए हमारे पास आए हमने उन्हें एक ऐसा विशिष्ठ यंत्र दीया जो बहुत विषम परीसिथतियों से भी निकाल देता है , और एक रत्न धारण करवाया कुछ दिनों पष्चात उन्हें बैंक से नोडयुज़ मिल गया और उनका परीचित जो रजिस्ट्री करने से आनाकानी कर रहा था उसने रजिस्ट्री भी करवा दि , श्री हेमन्त जी का अपने मकान का सपना पूरा हुआ और दूसरी बार वह हमारे यहाँ से प्रसन्न होकर लौटे ।