यह भगवान शडानन का स्वरूप है , इसके देवता भगवान कार्तिकेय हैं इससे धारक की सोर्इ हुर्इ शकित जाग्रत होती हैं । यह विधा प्रापित के लिए श्रेष्ठ है तथा आत्मशकित संकल्प शकित और ज्ञान शकित प्रदान करता है । छह मुखी रूद्राक्ष धारण करने वाला व्यकित शिक्षा , काव्य , व्याकरण , निरूक्त , छंद , ज्योतिशशास्त्र , चारों वेद तथा रामायण , महाभारत आदि ग्रंथों का मर्मज्ञ विद्वान हो सकता है । अर्थात विधाव्यसनी लोगों के लिये छह मुखी रूद्राक्ष धारण करना सर्वोत्तम है । स्मरण शकित प्रबल होती है ।
ऊँ ह्रीं ह्रूं नम: । ऊँ षडननाय नम: ।
Order Now